गन्ना किसानों के लिए यह खबर बेहद राहत भरी है। बिहार सरकार ने गन्ना किसानों को खेती में मदद देने के लिए 90 लाख रुपए तक की सब्सिडी (Subsidy) देने का निर्णय लिया है। इस कदम के तहत गन्ना कृषि यंत्रीकरण योजना (Sugarcane Agriculture Mechanization Scheme) शुरू की गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य गन्ना किसानों को खेती में उपयोगी आधुनिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्रदान करना है।
गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: जानें योजना और इसके लाभ
योजना के लाभ और सुविधाएं

इस योजना की खासियत यह है कि गन्ने की बुवाई से लेकर कटाई तक के सभी आधुनिक कृषि यंत्रों पर किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी अधिकतम 90 लाख रुपए तक हो सकती है। इस पहल का मकसद गन्ना उत्पादन में वृद्धि करना और किसानों को उन्नत तकनीकों का लाभ पहुंचाना है।
क्या है गन्ना कृषि यंत्रीकरण योजना?
गन्ना कृषि यंत्रीकरण योजना 2024 बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई एक विशेष योजना है। इसका उद्देश्य गन्ना किसानों को परंपरागत खेती की जगह आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना है। इससे गन्ने की खेती में समय और मेहनत की बचत होगी। साथ ही, गन्ने के उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा।
योजना के लाभ सिर्फ गन्ना किसानों तक ही सीमित नहीं रहेंगे; इससे चीनी और इथेनॉल के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।
योजना के तहत कितनी सब्सिडी मिलेगी?
इस योजना के तहत किसानों को कृषि यंत्रों पर 50% से 60% तक की सब्सिडी दी जाएगी। सब्सिडी का प्रतिशत निम्न प्रकार है:
- व्यक्तिगत किसान: 50% तक सब्सिडी।
- एससी/एसटी किसान: 60% तक सब्सिडी।
- किसान समूह: 70% से 90% तक सब्सिडी।
किसान समूहों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- वर्ग A: अधिकतम 8.08 लाख रुपए तक सब्सिडी।
- वर्ग B: अधिकतम 23.48 लाख रुपए तक सब्सिडी।
- वर्ग C: अधिकतम 90.68 लाख रुपए तक सब्सिडी।
योजना के तहत किन कृषि यंत्रों को किया गया शामिल?

गन्ना यंत्रीकरण योजना में गन्ना खेती के सभी प्रमुख चरणों में उपयोगी यंत्रों को शामिल किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- बीज उपचार यंत्र।
- बुवाई में उपयोगी मशीनें।
- खरपतवार नियंत्रण यंत्र।
- गन्ना कटाई मशीन (शुगरकेन हार्वेस्टर)।
- गन्ने का रस निकालने वाले यंत्र।
शुगरकेन हार्वेस्टर जैसी मशीनें बहुत महंगी होती हैं, जिनकी कीमत करीब 96 लाख रुपए होती है। ऐसे में, किसान समूह और चीनी मिलों को “कृषि यंत्र बैंक” स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
योजना के लिए पात्रता और शर्तें
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- योजना का लाभ केवल बिहार के पंजीकृत किसान उठा सकते हैं।
- एक किसान अधिकतम 3 कृषि यंत्रों पर सब्सिडी ले सकता है।
- लघु और सीमांत किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- किसान समूह, पैक्स, जीविका समूह और चीनी मिलें भी “कृषि यंत्र बैंक” स्थापित कर सकती हैं।
- योजना का लाभ एक बार लेने के बाद अगले तीन साल तक किसान इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे।
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड।
- बैंक खाता पासबुक की कॉपी।
- कृषि मशीनरी खरीद का बिल।
- किसान पंजीकरण संख्या।
- श्रेणी प्रमाण-पत्र (एससी/एसटी किसानों के लिए)।
- भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र (एलपीसी)।
- भूमि किराया रसीद।
- पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी।
योजना में आवेदन प्रक्रिया
योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है।
- किसान को योजना की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा।
- रैंडमाइजेशन प्रक्रिया से चयनित किसान की पात्रता की जांच की जाएगी।
- पात्र किसानों को स्वीकृति पत्र जारी किया जाएगा।
- स्वीकृति पत्र मिलने के 30 दिनों के भीतर किसान को मशीनरी खरीदनी होगी।
- मशीन खरीदने के बाद बिल को ऑनलाइन अपलोड करना होगा।
- सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
यह योजना गन्ना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और खेती के पारंपरिक तरीकों में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।